• @wildwallflower It's ok i just asking :smiley:


  • @wildwallflower i am speechless, I am blank and yet, I am filled with emotion. Our revered Atal Ji is no longer with us.


  • @sᴛʀᴀɴɢᴇʀ No worry Man. You can search his 'soul' all talk sometimes with open heart.
    all will fine


  • @sᴛʀᴀɴɢᴇʀ जब मौत को सामने खड़ा देखा था, तब अटल बिहारी वाजपेयी ने लिखी थी ये कविता

    मौत से ठन गई!
    जूझने का मेरा इरादा न था,
    मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था,
    रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई,
    यों लगा ज़िन्दगी से बड़ी हो गई।
    मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं,
    ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं।
    मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूँ,
    लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूँ?
    तू दबे पाँव, चोरी-छिपे से न आ,
    सामने वार कर फिर मुझे आज़मा।
    मौत से बेख़बर, ज़िन्दगी का सफ़र,
    शाम हर सुरमई, रात बंसी का स्वर।
    बात ऐसी नहीं कि कोई ग़म ही नहीं,
    दर्द अपने-पराए कुछ कम भी नहीं।
    प्यार इतना परायों से मुझको मिला,
    न अपनों से बाक़ी हैं कोई गिला।
    हर चुनौती से दो हाथ मैंने किये,
    आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए।
    आज झकझोरता तेज़ तूफ़ान है,
    नाव भंवरों की बांहों में मेहमान है।
    पार पाने का क़ायम मगर हौसला,
    देख तेवर तूफ़ां का, तेवरी तन गई।
    मौत से ठन गई।

    source: google


  • @sᴛʀᴀɴɢᴇʀ I know it's hard to digest this... Seeing these heroes of our time depart..


  • @naveen067 आज

    ग़रीब रोएगा
    अमीर भी रोएगा ।
    दोस्त रोएगा
    दुश्मन भी रोएगा ।
    पक्ष रोएगा
    विपक्ष भी रोएगा ।
    देश रोएगा
    विदेश भी रोएगा ।

    कुछ ऐसे थे हमारे अटल जी

    !!! भावभीनी श्रद्धांजलि !!!